Kavita Jha

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त्योहारों रीति रिवाजों वाली डायरी# लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -07-Nov-2022

सामा की विदाई


सामा की विदाई के समय नए चूड़ा और दही गुड़ का भोग लगाते हैं।अरबा चावल गुड़ धान चूड़ा सभी को मिट्टी के बनाए बर्तनों में रख कर सामा के साथ भेजते हैं।जिस तरह एक मां अपनी बेटी के ससुराल जाते समय रास्ते में खाने का सामान देती है ठीक उसी तरह लगता है जब उन बर्तनों को अन्न से भरते हैं।
सीढि सामा बदला बदली करती है बहनें सब आपस में और अपनी भाषा में गाती है
जीबो जीबो जीबो 
कि तोर भईया जीबो के मोर भईया जीबो
और प्रकृति की सभी चीजों के गुणों से अपने भाई की तुलना करती हैं।

सामा के समय गाए जाने वाले सभी गाने भाई बहन के प्रेम से ओतप्रोत होते हैं। बहन अपना भाई के प्रति अपना प्यार हर गीत में गाती है कि उसे संपत्ति में कोई अधिकार नहीं चाहिए बस भाई का मान बड़े भाई की धन संपत्ति बढ़े। उसको सिर्फ भाई का आशीर्वाद मिले उसखा मायका बना रहे इसी दुआ के साथ वह भाई की लंबी उम्र की कामना करती है। नन्द भाभी की नोक के भी गाने गाए जाते हैं।
मैं तो हर साल यू ट्यूब पर ही गाने चला देती हूं और फिर अकेले ही मिट्टी से सामा बनाती हूँ।

डायरी तेरे माध्यम से मन की दबी एक ख्वाहिश जाहिर करना चाहूंगी हमारे इस मिथिलांचल के  किसी समय प्रसिद्ध रहे इस त्योहार की हमारे देश भारत  में और विदेशों में  रहने वाले भारतीयों में इस भाई बहन के इस त्योहार की पहचान बने।

 जिस तरह आज विदेशों में भी छठ बिहारियों का प्रसिद्ध त्योहार है जाना जाता है और छठी मां के प्रति सब की आस्था बनी है और बनी रहे। इसी तरह कृष्ण भगवान की बेटी बेटे की यह कथा बहुत ही कम लोगों को पता होगी और जिन्हें इस त्योहार के बारे में पता भी है वह भी अब समय अभाव और इस त्योहार में लगने वाली मेहनत से बचने के कारण कहां खेलते हैं पर मैं हर साल इसी तरह सामा खेलती रहूं बनाती रहूंं भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती रहूं।

 अगर हमारे बीच में कोई मनमुटाव भी आ जाता है तब भी मैं नहीं चाहूंगी कि मैं यह त्यौहार मनाना छोड़ दूं भाई। बहन है हो सकता है कि कभी भाई की किसी बात का बुरा लग जाए और मन में यह आए कि अगर वह भाई दूज पर नहीं आया है राखी पर नहीं आया तो मैं क्यों बनाऊं क्यों अपना समय मेहनत बर्बाद करूं। मैं भगवान कृष्ण से यही प्रार्थना करूंगी कि ऐसा कभी मेरे मन में आए ही ना ।
***
कविता झा'काव्या'
राँची, झारखंड
# लेखनी
# लेखनी त्योहारों रीति-रिवाजों वाली प्रतियोगिता

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3 Comments

Radhika

09-Mar-2023 01:05 PM

Nice

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shweta soni

04-Mar-2023 09:28 PM

👌👌👌

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Rajeev kumar jha

20-Nov-2022 09:41 AM

Nice 👍🏼

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